tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post7163558764876297520..comments2023-09-12T03:20:50.545-07:00Comments on अपना घर: सावन आ गया है, राखी लेकर आई हूँआभाhttp://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-37164646731434501122010-08-22T10:35:53.212-07:002010-08-22T10:35:53.212-07:00Aapki sabhi rachnaye padhi,anand aagaya ,komal bha...Aapki sabhi rachnaye padhi,anand aagaya ,komal bhavnaye,sneh aur vatsalya aur kahpaney ka andaz sabhi kuch bahut vastavik,maja huqa,meri hardik badhaiya <br />sader<br />dr.bhoopendra<br />jeevansandarbh.blogspot.comडॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-66159749155281294082010-08-20T03:19:17.049-07:002010-08-20T03:19:17.049-07:00"नइहर खेलि लेहु दिन चारि"
गागर में सागर ..."नइहर खेलि लेहु दिन चारि"<br />गागर में सागर भर दिया है जायसी जी ने <br /><br />आपका आलेख और <br />"मैं सावन की बयार<br />फुहार, मेघ मल्हार<br />यहाँ हूँ वहाँ हूँ<br />जाने कहाँ हूँ<br />मुझसे रिमझिम सब संसार<br />मैं सावन की बयार"<br /><br />भी प्रभावशाली लगींAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-18068648475235136442010-08-13T04:46:37.937-07:002010-08-13T04:46:37.937-07:00असंख्य हृदयों की बात कह दी आपने....
भावुक करती बह...असंख्य हृदयों की बात कह दी आपने....<br /><br />भावुक करती बहुत सुन्दर पोस्ट !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-25047276116077446752010-08-12T22:58:11.864-07:002010-08-12T22:58:11.864-07:00आप काफी संवेदनशील हैं ...आपके ही लिए एक गीत लिखा ...आप काफी संवेदनशील हैं ...आपके ही लिए एक गीत लिखा है पढियेगा ...शायद अच्छा लगे !<br />पता नहीं माँ सावन में यह आँखें क्यों भर आती हैं ??<br />http://satish-saxena.blogspot.com/2010/07/blog-post_22.htmlSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-57940574290442081972010-08-12T22:02:07.892-07:002010-08-12T22:02:07.892-07:00भाई बहन की आत्मीयता कभी कम नहीं होती है, विवाह के ...भाई बहन की आत्मीयता कभी कम नहीं होती है, विवाह के बाद दोनों के परिवार भी शामिल हो जाते हैं उस आत्मीय-चक्र में।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-33370127957429908292010-08-12T18:05:18.231-07:002010-08-12T18:05:18.231-07:00"मैं उन लड़कियों को लेकर अक्सर सोचती हूँ जिनक..."मैं उन लड़कियों को लेकर अक्सर सोचती हूँ जिनके भाई नहीं होते या जिन लड़कों की बहने नहीं होतीं।" मैं इस सोच के बाद वाले हिस्से में आता हूँ :(Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-65022102652735872752010-08-12T12:27:19.408-07:002010-08-12T12:27:19.408-07:00बहुत ही सुंदर रचना धन्यवादबहुत ही सुंदर रचना धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-34570898209097162772010-08-12T09:51:33.909-07:002010-08-12T09:51:33.909-07:00आपने जो कुछ भी लिखा पढने मात्र से प्रतीत हुआ दिल स...आपने जो कुछ भी लिखा पढने मात्र से प्रतीत हुआ दिल से है । हाँ आखिर क्यों ना लगे ऐसा जिस भाई कि साथ न जानें कितने समय बिते होंगे, न जानें कितनी यादें जुडी़ होंगी । बढिया अभिव्यक्ति लगी आपकी ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-86373053133096442742010-08-12T02:10:53.840-07:002010-08-12T02:10:53.840-07:00आखिर वह क्या है जो एक ही कोख से जन्में भाई और बहन ...<b>आखिर वह क्या है जो एक ही कोख से जन्में भाई और बहन को पराया कर देते हैं।</b><br />यह सचमुच सोंचनेवाली बात है .. वैसे आपकी भावनाएं और उनकी अभिव्यक्ति अच्छी लगी !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-9005532739323117512010-08-12T00:54:59.844-07:002010-08-12T00:54:59.844-07:00इस छोटी सी टिप्पणी में आपने कितनी सारी बातें कह द...इस छोटी सी टिप्पणी में आपने कितनी सारी बातें कह दीं। और वो भी इस अंदाज में जैसे बात घर में ही हो रही हो। <br />सबकी अपनी अपनी दुनिया होती है। अगर भाई के पास हो तो वह बहन को देने के लिए हमेशा तैयार रहता है। पर यह लेन देन तो आखिर प्रेम का ही है न। अगर वो न हो तो सबकुछ खत्म हो जाता है। <br />बहरहाल आपकी छोटी सी कविता बहुत अच्छी है,जैसे उसमें आपने सबकुछ कह दिया है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com