tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post826903932320140584..comments2023-09-12T03:20:50.545-07:00Comments on अपना घर: ठंड की याद में हूँआभाhttp://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-63414068529065477102009-01-07T08:59:00.000-08:002009-01-07T08:59:00.000-08:00तहरी ये कौन सा व्यँजन है आभा जी ? बता दीजिये -पहली...तहरी ये कौन सा व्यँजन है आभा जी ? बता दीजिये -<BR/>पहली दफे नाम सुन रही हूँ :)<BR/>बम्बई की सर्दी तो ऐसी ही होतीँ हैँ -स्वेटर भी शरमा जाये ~~<BR/>स स्नेह,<BR/> लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-82894384642629617092009-01-07T07:14:00.000-08:002009-01-07T07:14:00.000-08:00आप मुंबई मे बैठकर सरदी को याद कर रही हैं यहां दिलल...आप मुंबई मे बैठकर सरदी को याद कर रही हैं यहां दिलली में मैं सरदी से जलदी जाने के लिए चिरौरी कर रहा हूं। जरा पढ़कर तो देखिए मेरा ब्लाग- http://babloobachpan.blogspot.com/बबलूhttps://www.blogger.com/profile/04389548219533308852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-73646137648790405082009-01-07T06:45:00.000-08:002009-01-07T06:45:00.000-08:00आप ने सही कहा मुंबई में रह कर जाड़े का पता ही नहीं ...आप ने सही कहा मुंबई में रह कर जाड़े का पता ही नहीं चलता...आजकल जयपुर अपने घर आया हुआ हूँ और उस ठण्ड का भरपूर मजा लेरहा हूँ जो मुंबई में दुर्लभ है...गुड और बाजरे मक्की की रोटी, गजक और मूंगफली खाना और धुप में बैठ कर मीठी गाजर मूली कुतरना...वाह...लगता है अगर कहीं जन्नत है तो यहीं है.... <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-45249066377089225842009-01-07T06:20:00.000-08:002009-01-07T06:20:00.000-08:00अरे नहीं, इस ओरी मत आइयेगा अभी। हाल बुरा है। ट्रेन...अरे नहीं, इस ओरी मत आइयेगा अभी। हाल बुरा है। ट्रेन लेट आने की पूरी गारंटी है कोहरे में! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-8203927241865264842009-01-07T02:19:00.000-08:002009-01-07T02:19:00.000-08:00बढ़िया लेखबढ़िया लेखprabhat gopalhttps://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-83836426617790813862009-01-06T23:37:00.000-08:002009-01-06T23:37:00.000-08:00एक-एक शब्द अपने साथ भी हो रहा है... रात की जगह दोप...एक-एक शब्द अपने साथ भी हो रहा है... रात की जगह दोपहर में फ़ोन करता हूँ. सुबह ही घर पे बात हुई धुप नहीं निकल रही. पिछले सप्ताह मुंबई में था, वैसे पुणे में भी मुंबई की तरह ही ठण्ड नहीं है. <BR/><BR/>घर पर सर्दी में आग के पास बैठकर घंटो बात... <BR/><BR/>हॉस्टल में रजाई के अन्दर पड़े रहना और रजाई के अन्दर धीमे-धीमे पहुचती जगजीत सिंह की गजलें...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-71012750791446114632009-01-06T23:20:00.000-08:002009-01-06T23:20:00.000-08:00स्कूल में गुरुजनों से आग्रह कर धूप में ही क्लास लग...स्कूल में गुरुजनों से आग्रह कर धूप में ही क्लास लगवाते थे । गुरुजी को हम से ज्यादा लगती होगी ठण्ड !अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-62301680973742456522009-01-06T22:25:00.000-08:002009-01-06T22:25:00.000-08:00आइये आइये यहाँ तो धूप को तरस रहे हैं हम :).सर्दी क...आइये आइये यहाँ तो धूप को तरस रहे हैं हम :).सर्दी का अपना ही मजा है .रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-77829498085140247412009-01-06T20:18:00.000-08:002009-01-06T20:18:00.000-08:00कल हम भी यादों में डूब-उतर रहे थे.. आज आप भी.. लगत...कल हम भी यादों में डूब-उतर रहे थे.. आज आप भी.. लगता है यादों का मौसम लौट आया है..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-10924890031510376482009-01-06T16:14:00.000-08:002009-01-06T16:14:00.000-08:00बढ़िया लेख, सर्दियों का मज़ा तो गुनगुनाती धूप में ह...बढ़िया लेख, सर्दियों का मज़ा तो गुनगुनाती धूप में ही है<BR/><BR/>---मेरा पृष्ठ<BR/><A HREF="http://prajapativinay.blogspot.com" REL="nofollow">चाँद, बादल और शाम</A>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-40930150051336152092009-01-06T11:47:00.000-08:002009-01-06T11:47:00.000-08:00अरे हमारे यहां आज -१२ c ताप मान है ओर एक दो दिन म...अरे हमारे यहां आज -१२ c ताप मान है ओर एक दो दिन मै -२० से भी नीचे जाने वाला है, आप धुप की बात कर रही है, अजी यहां तो बाहर जाने से पहले १० से भी ज्यादा कपडे, जुते, टोपी, मोजे यानि आधा घन्टा तो तेयार होने मै लग जाता है, <BR/>लेकिन आप की पोस्ट ने बचपन याद दिला दिया.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-11005517232320841372009-01-06T11:20:00.000-08:002009-01-06T11:20:00.000-08:00आपने अच्छा याद दिलाया, हम तो भूल गए थे कि धूप भी त...आपने अच्छा याद दिलाया, हम तो भूल गए थे कि धूप भी तापी जाती है। अब तो केवल उससे बचा ही जाता है। जमाने बीत गए धूप में बैठे हुए।<BR/>घुघूत बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com