tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post8518801998693853721..comments2023-09-12T03:20:50.545-07:00Comments on अपना घर: अंबेडकर,गाँधी और आज के नेताओं का जात -पातआभाhttp://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-66885838947530951162010-07-19T19:28:01.356-07:002010-07-19T19:28:01.356-07:00धर्म/जाति का इस्तेमाल होता ही रहा है अपना मतलब निक...धर्म/जाति का इस्तेमाल होता ही रहा है अपना मतलब निकलने के लिए. फिर ये नेता भी तो वही कर रहे हैं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-34337074871376702412010-07-19T11:16:38.985-07:002010-07-19T11:16:38.985-07:00जात पात का नाम तो हमे अपने कर्मो के हिसाब से मिलता...जात पात का नाम तो हमे अपने कर्मो के हिसाब से मिलता है जो दुनिया है हर जगह मोजूद है... लेकिन यह नीच ऊंच ओर छूत अछूत सिर्फ़ हमारे धर्म मै ही मिलता है बस इसे हटाना है हमे, कोई अछुत नही कोई नीच नही सब बराबर है... बहुत सुंदर विचारराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-41646549132684298112010-07-19T02:27:45.043-07:002010-07-19T02:27:45.043-07:00विचारणीय स्थिति।विचारणीय स्थिति।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8754430090329533537.post-29673424025016377302010-07-19T01:50:59.953-07:002010-07-19T01:50:59.953-07:00बड़े दिनों के बाद लौटीं आप। और बहुत गंभीर विषय लेक...बड़े दिनों के बाद लौटीं आप। और बहुत गंभीर विषय लेकर। सचमुच यह सोचना तो हमारा शाश्वत धर्म बनता। जा रहा है कि आखिर आज के इन तथाकथित नेताओं का धर्म क्या है। <br />अपना घर के दरवाजे जल्दी जल्दी खुलें तो अच्छा लगेगाराजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com