शनिवार, 10 मई 2008

पराई हो जाती हैं बेटियाँ


आज मदर्स डे है तो स्वाभाविक सी बात है कि माँ सिद्दत से याद आ रही है।
याद आ रही है –माँ जो मुझे...बेबी बेबी बुलाती जिसे मै अनसुना करती माँ फिर बड़े
मीठे सुर मे बुलाती बेबा..बेटी और मैं दौड़ती उसके पास क्या माँ क्या माँ ..करती पहुँच जाती......
आज याद आ रही है - माँ जब
मै विदा हो रही थी उसके घर से, चाचा ने कहा छोड़ो भाभी विदा करो.....। और माँ ने मुझे भर लिया था अपनी बाहों में
देख रही हूँ माँ को जो मुझे विदा कर रोती रही पागल सी...... दो तीन दिनों तक
,ऐसा बड़ी दी ने बताया मुझे ,बहुत कुछ याद आ रहा है. जो यहाँ लिखना फिलहाल सम्भव नहीं
, सम्भव है सिर्फ यह कि आज हर बेटी ऐसे ही याद कर रही होगी अपनी माँ को.. दूर जो हो जाती हैं बेटियाँ
दूर हूँ तो क्या हुआ सुनूँगी माँ की बातें सुनाउँगी उसे अपनी बातें जिसे सुन खुश हो
वो स्वस्थ्य हो माँ.....।
आजकल माँ देर से जागती है...कुछ देर में माँ को और अपनी सासू माँ सब को फोन कर के आशीर्वाद लूँगी....
मेरी माँ अभी 66 साल की हैं...यह उम्र बहुत नहीं है लेकिन वह बहुत बीमार रहती है...जब वो सोती है तो उसके दिमाग में खून का बहाव रुक जाता है और अक्सर उठने पर चक्कर खा कर गिर पड़ती है...और वह अपने गिरने को समझ भी नहीं पाती है...गिरने के काफी देर बाद उसे पता चलता है कि वह गिरी थी...और उसे चोट भी लगी है...डॉक्टरों का कहना है कि बिस्तर से अचानक न उठें..वह इस बात का खयाल भी रख रही है...
ऐसी हालत में भी माँ किसी को परेशान नहीं करना चाहती है... फिलहाल वह अपने बड़े बेटे यानी मेरे भाई के साथ रहती है....जो कि उसका बहुत खयाल रखते है...मैं बेटा होती हो शायद माँ मेरे पास होती...अभी कहती भी हूँ कि माँ को यहाँ मुंबई भेज दो तो भाई कहता है कि तुम्हारी बच्ची अभी छोटी है ...और माँ को सम्हालना भी एक बच्चे को सम्हालने जैसा ही है...अभी....
माँ के पिछले दिन याद करती हूँ तो एक सुघड़, व्यवस्थित माँ याद आती है...जिसके शांत चेहरे को देख कर हम भाई बहन जीने का सलीका पाते थे....
आज मैं उससे दूर हूँ.....और दुआ कर रही हूँ कि वह ठीक हो जाए.....।
सारे ब्लॉगर्स को मदर्स डे की मंगल कामना॥
नोट- माँ के साथ मेरा बेटा मानस और मैं

12 टिप्‍पणियां:

रंजू भाटिया ने कहा…

भावुक हो गई पढ़ते हुए ..आपकी माँ जल्दी से अच्छी हो जाए यही दिल से दुआ है

Sanjeet Tripathi ने कहा…

मां ठीक न हो तो घर ही ठीक नही लगता
मां ठीक न हो तो मन ही अच्छा नही लगता।

जल्द ही ठीक हो जाएं वह बस यही कामना है।

मीनाक्षी ने कहा…

आपकी माँ जी जल्दी ही ठीक हो जाएँ यही कामना करते हैं. पिछले दस दिन हम भी दिल्ली में बीमार माँ के साथ थे जो बीमार होने पर भी हमें सेहत ठीक रखने की ताकीद देती रहीं. घर में हमें भी बेबी कहते हैं..बस फिर से उनकी याद आ गई और आँखें भर आईं.

अनूप शुक्ल ने कहा…

भावुक हो गये पढ़कर। अम्मा को अभी बुला रहे हैं चिल्ला के -अम्मा चाय पिलाओ।:) नियमित लिखने का अनुरोध कर रहे हैं आपसे!

अनूप शुक्ल ने कहा…

आपकी मां के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।

mehek ने कहा…

aapki mom bahut jaldi thik ho jaye yahi prarthana hai,hv courage,she will be fine soon.

विजयशंकर चतुर्वेदी ने कहा…

माताजी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए,

आपका देवर
विजयशंकर.

Dr Parveen Chopra ने कहा…

उस परमपिता परमात्मा से यही प्रार्थना है कि वे आप की माता जी को तुरंत एकदम फिट कर दें ...और हमें आप की किसी पोस्ट में य़ह दिखे कि वे बंबई आप के पास घूमने आई हुई हैं और ये सोफेसैट वाली पार्टी जूहू बीच पर शिफ्ट हो गई है। दिली दुआ है, बहन........और डाक्टर होते हुये मुझ से ज़्यादा कौन जानता है कि दुआ दवा से कहीं ज़्यादा पावरफुल होती है। शुभकामनायें। कुछ योग-प्राणायाम् ट्राई किया क्या....क्योंकि इस तरह के ब्लड-फ्लो वाले केसेज़ में ये पुरातन पद्धतियां भी बहुत प्रभावी होती हैं। देखिये,अगर कुछ इस के बारे में हो सके तो।

Udan Tashtari ने कहा…

माता जी शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना करता हूँ. बहुत भावपूर्ण पोस्ट है.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

आभा जी,
आपको माँ की कितनी चिँता लगी रहती होगी ये समझ रही हूँ
बढती ऊम्र मेँ, हर किसी को सहारे की, प्यार की निताम्त आवश्यकता होती है.
आपके बडे भाई साहब्, ये अच्छी तरह कर रहे हैँ और मेरी भी दुआ, प्रार्थना शामिल है
आपको भी मातृ दिवस पर शुभ कामनाएँ --
आप एक अच्छी बिटिया और माँ तो हैँ ही -
स्त्री का जीवन कई हिस्सोँ मेँ बँट जाता है ..यही हमारी रीत है -
स्नेह सहित,
- लावण्या

VIMAL VERMA ने कहा…

माँ को सम्हालना भी एक बच्चे को सम्हालने जैसा ही है...ये बात बहुत अच्छी लगी...माँ मेरे साथ भी रहती है....पढ़कर बहुत सी बातें याद आ गईं ...बहुत अच्छा...इसी तरह लिखते रहिये..माँ को हमारी शुभकामनाएं...

आभा ने कहा…

मिनाक्षी -यहजान कर बहुत अच्छा लगा कि आप को भी घर पर बेबी कहते है ,माएं हर हाल मे अपने बच्चो का ख्याल रखना नही भूलती । परवीन भाई -माँ योग ,प्रंणायाम करती हैं आप की तरह डाँ . की सलाह है शुक्रिया ।