भानी की कहानी
आजकल सभी बच्चे अद्भुत क्षमता से भरे होते हैं उनमें से एक मेरी बेटी भानी भी है। भानी की तरह ही सभी बच्चे खाने पीने में भी बहुत आना कानी करते हैं। भानी लगभग एक महीने से खाने पीने के मामले में बहुत परेशान कर रही हैं। कल रात मैंने भानी से कहा कि नहीं खाओगी तो भूत आएगा और खूब डराएगा ......हा।हा।हा......करके और भरपेट खाओगी तो भगवान जी आएँगे....विद्या बुद्धि देंगे....ताकत देंगे.....। भानी ने थोड़ा बहुत खाया और सो गईं।
सुबह उठ कर भानी ने कहा...मम्मी भगवान जी भी आए थे और भूत भी आया था। भगवान जी ने कहा कि खाना खाओ और भूत ने कहा कि पानी पियो मैंने पूछा बस इतनी ही बात हुई। भानी ने कहा कि नही....भूत ने मुझे डराया भी नहीं और बोला कि बुक में काचा कूची काचा कूची करके बुक उड़ा दो...और भगवान जी ने कहा कि तुम नीट- नीट लिखो बुक में । सुबह से भानी की कहानी जारी है....। तो हुई न भानी कहानीकारा ।
भानी बिल्डिंग में पीटी उषा पार्ट टू के नाम से जानी जाती हैं...वो उम्र में अपने से तीन-चार साल बड़े बच्चों को भी दौड़ में हरा देती हैं...और हारे हुए बच्चों के माँ -बाप ने भानी को यह नाम दिया है...।
भानी आज कल बिल्डिंग में सब को समझाने का काम भी करती हैं...कोई किसी पर चिल्लाए नहीं...डाँटे नहीं...सब शांत रहें...एक दम शांत। और बड़े बच्चे भी भानी से शांति का पाठ सुन कर खुश रहते हैं...।
भानी की बातें हजार हैं जो खत्म न हों...कभी....इतनी बातें....आगे बताएँगे भानी और बातें....
भानी अभी साढ़े तीन साल की हैं....।
17 टिप्पणियां:
मैं भानी बोल रहा हूँ..(यह मेरे और भानी के बीच की बात है)..
भानी पर लिखना तो मेरी कॉपी राइट था लेकिन आभा ने छीन लिया है मैं कहाँ जाऊँ क्या करूँ...
भानी कहानीकार और पीटी ऊषा पार्ट टू की अनगिनत कहानियाँ होगीं..रोज़ ही एक कहानी होनी चाहिए. भानी और उसके भईया को भी खूब सारा प्यार...
bahut badhiya.. Bodhi ji, ab apne ghar me to aapko ye sab jhelna hi parega.. :D
pyaari si aur sayaani BHAANI bitiyaa ko pyaar...ABHAA ji bhaani ka chitr bhi lagaatin to hum sab bhi dekhtey usey....
अद्भुत भानी , बक अप !
वेरी गुड है जी!!
माता-पिता के गुण कहीं तो दिखने ही है न!!
चलिए भानी में इतनी जल्दी दिखने लगा अच्छी बात है!!
लगे रहे भानी ऐसे ही!!
बच्चे सच कहते हैं। बाकी लोग तो शुगर कोटिंग करते हैं, या गरियाते हैं।
भानी की कहानी अच्छी लगी जी।
चलिए रोज आपको भानी नई नई कहानियां सुनाएं और हम उसकी क्रिएटिविटी के कायल होते रहें।
जब मैं भानी से मिला था तभी इस अद्भुत क्षमता का आभास हो गया था मगर आपको बताया नहीं. अब तो आप खुद ही जान गई हैं. :)
वाह भानी!! जारी रहो.
भानी के पापा के हालत देख कर मजे आ रहे हैं...कित्ता हिरिया रहे हैं कॉपीराईट मसले पर..हा हा!!
सुंदर -- भानी को स स्नेह आशीर्वाद !
आभा जी,
मेरे पापा जी को याद करते हुए बहुत से लोगों ने अपने आलेख लिखे हुए एक किताब है - "शेष - अशेष " अगर आप पता भेजेंगी तब, आप तक वह पुस्तक पहुंचाने की व्यवस्था करती हूँ ..समय दीजियेगा ..मेरा ई - मेल है --
lavanis@gmail.com
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आप ये लिन्क से लता दीदी से सँबँधित कई सारे गीत + बातेँ सुन पायेगेँ ~~
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और ये रत्नघर का गीत "ऐसे हैँ सुख सपन हमारे"
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सुन्दर। पीटी ऊषा पार्ट२ और कथाकारा भानी आगे भी इसी तरह बढ़ती लिखती रहें। :)
आप सब की आभारी हूँ....आगे भी भानी पर कुछ और लिखूँगी....
भानी से मुलाकात तो एक ही बार हुई है लेकिन वो दिल में स्थायी रुप से बस गई है
आपकी भानी है ओर मेरा बेटा है ४ साल का ...ऐसा लगा आप मेरे घर की कहानी कह रही है ...
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