मंगलवार, 28 अगस्त 2007

बचपन बिंदास

हम ऐसे ही गाते रहे हैं

एक बार की बात है मैं छोटी थी, मेरे भैया ने कहा कि तुम जानती हो यह गाना 'रहने दो छोडो़ जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार ' मैंने कहा हाँ जानती हूँ । भैया ने कहा बताओ तो क्या है मैंने कहा कि एक बच्चा अपने माथे का टीका मिटा रहा है तो उसके चाचा कहते हैं कि ऐसा मत करो , फिर बच्चे के न मानने पर चाचा गाते हैं रहने दो छोडो़ मिटाने दो यार हम ना करेंगे प्यार मौज़ूद सभी हंसने लगे .मैं बहुत दिनों तक यह गाना ऐसे ही गाती रही .

मेरा छोटा भाई शैलू काहे इतना गुमान गोरिये गाने को गाता था काहे इतना डिमांड गोरिये। हम सब बचपन में ऐसे ही गाते रहे हैं। मेरी बेटी भानी पार्टनर के गाने लव मी को लंबी लंबी गाती है। और सही करने पर मानती नहीं।

5 टिप्‍पणियां:

अभय तिवारी ने कहा…

चल चल मेरे हाथी.. चल यार धक्का मार.. को मैं गाता था.. चल यार हग मार.. (हाथी को जाते जात ये गंदा काम करता देखता था घर के छज्जे से)
बढ़िया है.. लिखती रहें..

Pratyaksha ने कहा…

मेरी छोटी सी भतीजी गाती थी , " सात बजने लगे आँखों में ज़हर जा घुसी " । अब आप पहचाने ये गाना क्या हो सकता है । पुराना गाना है आशा जी का ।

आभा ने कहा…

परीक्षा न लें प्रत्यक्षा जी बता दें कि गाने के बोल असल में क्या हैं। पढ़ने के लिए धन्यवाद

v9y ने कहा…

मनबोल

Pratyaksha ने कहा…

ये गाना है , "कौन आया कि निगाहों में....."। आगे के शब्दों में मैं भी कंफ्यूज़ हो रही हूँ पर सात बजने लगे कि जगह सही लाईन है साज़ बजने लगे ।