बहुत दूर आ गई हूँ
बहुत दूर
बहुत दूर
इतनी दूर की नींद में भी
सपने में भी वहाँ नहीं पहुँच सकती।
एक अंधेरी छोटी सी गली
एक अंधेरा छोटा सा मोड़
एक कम रौशन छोटी सी दुनिया
सब पीछे रह गए
मैं इतने उजाले में हूँ कि
आँख तक नहीं झपकती अब तो।
सब इतना चकाचौंध है कि
भ्रम सा होता है
परछाइयाँ धूल हो गई हैं
आराम के लिए कोई विराम नहीं यहाँ
दूर-दूर तक
कोई दर नहीं जहाँ ठहर सकूँ
सब पीछे
बहुत पीछे छूट गया है।